अवचेतन मन

 


अवचेतन मन


अवचेतन मन एक मनोवैज्ञानिक अवधारणा है जो मन की ऐसी स्थिति को वर्णित करती है जब व्यक्ति को उसके आपसी अवचेतन मन की गतिविधियों या प्रक्रियाओं का अवगमन नहीं होता है। इस स्थिति में, व्यक्ति की ज्ञानाधारित प्रक्रियाएं, विचार, भावनाएं, योजनाएं या कार्यवाही संचालित होती हैं, लेकिन उसे यह अहसास नहीं होता कि वह उन्हें क्यों कर रहा है या उनका मूल्यांकन क्या हो सकता है।

subconscious mind

यह अवस्था मन की अंतर्निहित गतिविधियों का हिस्सा होती है जो स्वतः ही संचालित होती हैं और उसके व्यक्तित्व और आचरण पर प्रभाव डालती हैं, लेकिन जो व्यक्ति उसे स्वयं नहीं नियंत्रित करता है। अवचेतन मन के कारण, व्यक्ति के कुछ क्रियाएं और विचार उसके संज्ञान में नहीं होते हैं और उसे उनका कारण, लक्ष्य या परिणाम नहीं समझ पाता है।

यह मनोविज्ञान में एक महत्वपूर्ण और विवादास्पद अवधारणा है। अवचेतन मन के कुछ उदाहरण शामिल हो सकते हैं नींद मऔर स्वप्न, हाबिट्युअल एक्शन (जैसे नाखून चबाना या बाल झाड़ना) और स्वतः ही किये जाने वाले कार्य (जैसे सांस लेना या दिल की धड़कन)। अवचेतन मन की समझ को लेकर विभिन्न मतभेद हैं और मनोवैज्ञानिक समुदायों द्वारा इसे अभी तक समझा जा रहा है।

इस विषय पर विस्तृत चर्चा करने के लिए अधिक मनोविज्ञान, न्यूरोसाइंस और दिमागी कार्य के बारे में जानकारी की आवश्यकता होती है। इसके लिए मनोविज्ञानिक अध्ययन, जैसे कि न्यूरोसाइंस, प्रज्ञाता और मन की अवस्थाएं, मनोवैज्ञानिक सामग्री और शोध प्रक्रियाएं संबंधित हो सकती हैं।

अवचेतन मन को नियंत्रित करने के लिए कुछ तकनीकें और अभ्यास मददगार साबित हो सकते हैं। यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं:

1. मनःशांति की प्रक्रिया: ध्यान और मेडिटेशन जैसी प्रायोगिक तकनीकें मन को स्थिर और शांत करने में मदद कर सकती हैं। नियमित ध्यान अभ्यास और श्वास ध्यान के तकनीकों का अभ्यास करना आपको अपने मन की गतिविधियों पर नियंत्रण प्राप्त करने में मदद कर सकता है।


2. अवचेतन मन के संचालन का जागरूक होना: जब आप अवचेतन मन के कार्यों को पहचानते हैं, तो आप उन्हें नियंत्रित करने के लिए सक्षम होते हैं। मन के साथ संवाद बनाए रखने के लिए ध्यान केंद्रित करें और अपने मन की गतिविधियों को निगरानी करें।


3. संवेदनशीलता और संतुलन की विकसित क्षमता: स्वयं की संवेदनशीलता और सामान्य तनाव के साथ आपके मन की गतिविधियों को नियंत्रित करने की क्षमता विकसित करने में मदद मिलती है। योग, अभ्यास और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से आप इस क्षमता को सुधार सकते हैं।


4. संतुलित और स्वस्थ जीवनशैली: अपने शरीर का ध्यान रखना, स्वस्थ आहार लेना, नियमित व्यायाम करना और पर्याप्त आराम लेना आपके मन की स्थिरता और शांति में मदद कर सकता है। अवचेतन मन को स्वस्थ और स्थिर रखने के लिए एक संतुलित जीवनशैली अपनाना महत्वपूर्ण है।


5. संगत संबंध और वातावरण: प्रासंगिक संगत संबंध और सकारात्मक वातावरण मन को स्थिर रखने में मदद कर सकते हैं। अपने आसपास के लोगों, स्थानों और विचारों का चयन करें जो आपको प्रोत्साहित करें, आपकी आत्मविश्वास बढ़ाएं और आपकी मानसिक स्थिति को सकारात्मक रखें।

ध्यान और अभ्यास की मदद से आप अपने अवचेतन मन को नियंत्रित करने में सक्षम हो सकते हैं। हालांकि, यदि आपको अपने मन को नियंत्रित करने में समस्या होती है और आपकी दैनिक गतिविधियों और संबंधों को प्रभावित करती है, तो एक मनोवैज्ञानिक या मनोचिकित्सक की सलाह लेना अच्छा विचार हो सकता है।

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